एजुकेशन डेस्क. एक एम्प्लॉई के तौर पर क्या आपके साथ कभी ऐसा हुआ है कि आपको कुछ अलग करना हो, कुछ जोखिम उठाने हों और नई चीजें आजमानी हों, लेकिन आप कॅरिअर के रूल्स से बंधकर रह गए हों? यदि ऐसा है तो आपको यह जान लेना चाहिए कि दुनियाभर में कॅरिअर को लेकर नई मान्यताएं स्थापित हो रही हैं, जो पुरानी मान्यताओं से पूरी तरह अलग हैं। अगर आप किसी कॅरिअर मूव को अभी भी पुरानी कसौटियों पर परख रहे हैं, तो समय है नई कसौटियों को जानने-समझने का।
कॅरिअर की सीढ़ियां चढ़ने के लिए न करें इंतजार
अब एम्प्लॉयर्स ऐसे टैलेंट को हायर करने को तरजीह दे रहे हैं, जिसके पास इनोवेटिव थिंकिंग की क्षमता हो। यही वजह है कि काबिलियत होने पर कॅरिअर की सीढ़ियां चढ़ने के लिए वर्षों का इंतजार करने की जरूरत नहीं है। अगर आप किसी ऊंची पोस्ट के लिए अप्लाई करने को लेकर गंभीर हैं तो तुरंत ऐसा कीजिए। अन्यथा इंतजार की स्थिति में आप खुद को निराशा की तरफ धकेलने के अलावा कुछ नहीं करेंगे।
100% क्वालिफाइड न हों तो भी ट्राई करें
एम्प्लॉयर्स अब जॉब्स के लिए ऐसे कम एक्सपीरिएंस्ड लोगों के साथ भी चांसेज ले रहे हैं जो उन्हें यह यकीन दिला सकें कि वे उसमें सफलता प्राप्त कर सकते हैं। इंटरव्यूअर को भरोसा दिलाएं कि आप में लीडरशिप, इमोशनल इंटेलिजेंस, कम्युनिकेशन, नेगोशिएशन या डिसिजन-मेकिंग स्किल्स हैं। अगर उन्हें ऐसा लगा कि आप भरोसेमंद व ईमानदार हैं तो आपके जॉब पाने की पूरी संभावना होगी।
कैलकुलेटेड रिस्क्स उठाने से नहीं डरें
एक संतुष्टिदायक कॅरिअर पाने के लिए कैलकुलेटेड रिस्क्स उठाने की जरूरत होती है। यह बात आंत्रप्रेन्योर्स के साथ ही सभी लेवल्स के एम्प्लॉईज पर भी लागू होती है। इनमें एक कंपनी जॉइन करने के दो वर्ष बाद ही दूसरी कंपनी जॉइन करना, ग्रोथ के मौके न देने वाली कंफर्टेबल जॉब को छोड़ना, बिजनेस शुरू करने के लिए जॉब से इस्तीफा देना, कॅरिअर चेंज या पैशन के लिए कुछ कम सैलरी वाली जॉब स्वीकार करना आदि शामिल हैं।